Sunday, April 21, 2013

तो ये देवभूमि उत्तराखण्ड के सैक्सी आईकन हैं....



आमतौर पर नैनीताल में रहते हुए अपने ब्लाग पर निरंतर लिखता था। लेकिन न जाने क्यों पिछले साल उस षहर को छोड़ने के बाद लेखनी लगभग थम सी गई। लेकिन हाल ही में उत्तराखण्ड के नेता विपक्ष अजय भट्ट की पत्रकार वार्ता ने मुझे लिखने को प्रेरित कर दिया। मैं अब कोषिष करूंगा कि पहले की तरह लिखता रहूं।

दरअसल, उत्तराखण्ड के एक कैबिनेट मंत्री पर एक बिनव्याही मां के बच्चे का पिता होने की चरचा सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि संबधित युवति ने दिल्ली में किसी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। अजय भट्ट का कहना है कि स्थानीय और बाहर के नेता चुटकी लेकर इस मुद्दे के बारे में पूछ रहे हैं।

उनका कहना था कि इस मामले में उत्तराखण्ड के एक कैबिनेट मंत्री का नाम उछला है। लेकिन बेवजह सी.एम. विजय बहुगुणा और दो महिला मंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी 9 मंत्रियों की देषभर में बदनामी हो रही है। भट््ट ने बकायदा मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से इस मामले की जांच की मांग कर डाली।

यूं तो सियासत और सैक्स के काकटेल में कोई नयापन नहीं है। राजस्थान के तत्कालीन मंत्री मदेरणा का सैक्स प्रकरण मीडिया के जरिये खूब चरचा में रहा था। कर्नाटक मंे कुछ विधायक मन में राम और मोबाईल में छोरी के लिए चर्चित हुए। दरअसल, संस्कृृति का ठेका लेने वाली बीजेपी के वो विधायक विधानसभा परिसर में मोबाईल में पोर्न वीडियो देखते पकड़े गए थे।

लेकिन, 86 साल की उम्र में पिता बनकर कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखण्ड को देष ही नहीं दुनिया में सुर्खियों में ला दिया था। गौरतलब है कोर्ट ने तिवारी को रोहित षेखर नामक युवक का जैविक पिता करार दिया था। उनके डी.एन.ए. टेस्ट के वक्त देष भर के मीडिया का देहरादून में जमावड़ा रहा।

वैसे तो एन. डी. तिवारी और उनकी रंगमिजाजी का चोली दामन का साथ रहा है। सभी जानते हैं कि उन्हें एक सैक्स प्रकरण की वजह से हैदराबाद राजभवन ने रूखसत होना पड़ा था। लेकिन रोहित षेखर के साथ कोर्ट की दहलीज में पहुंचे पितृृत्व विवाद ने इसे सार्वजानिक ही कर दिया।

उस दौरान किसी एक सज्जन ने चुटकी लेते हुए कहा था कि तिवारीजी को तो यौनवर्धक दवाई का ब्रांड एम्बेसडर बना दिया जाना चाहिए। तर्क ये था कि अगर 80 साल की उम्र पार करने के बाद भी एक वीडियो सीडी में एन.डी. महिलाआंे के साथ आपत्तिजनक हालत में पाए गए। तो फिर क्यों न उनके सैक्सी जलबे को यौनवर्धन दवाई की मार्केटिंग में इस्तेमाल किया जाए।

इसके अलावा पूर्ववर्ती भाजपा और कांग्रेस की सरकार में कई मंत्री महिलाओं के साथ संबंधों को लेकर चरचा में रहे। लेकिन सूबे के एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री की बिनब्याही युवती के बच्चे के पिता बनने की चरचा ने पुराने अतीत को याद करने पर मजबूर कर दिया। सवाल ये उठता है कि क्या उत्तराखण्ड के सियासतदां देष के सामने मर्दांनगी की मिसाल पेष नहीं कर रहे हैं।


राहुल सिंह षेखावत